तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई: भरतपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने यात्रा भत्ता भुगतान के लिए आए डाक्टर को नौकरी से निकाला, अपने ही आदेशों की पालना पर की कार्रवाई

तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई : भरतपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने यात्रा भत्ता भुगतान के लिए आए डाक्टर को नौकरी से निकाला, अपने ही आदेशों की पालना पर की कार्रवाई

तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई: भरतपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने यात्रा भत्ता भुगतान के लिए आए डाक्टर को नौकरी से निकाला, अपने ही आदेशों की पालना पर की कार्रवाई


(आदर्श मधुकर)। गर्वमेंट मेडिकल कालेज के प्रिंसीपल की तथाकथित तानाशाही से इन दिनों हर कोई परेशान है। ऐसे में खुद के आदेशों के बावजूद दोषारोपण डॉक्टर पर मढ़ते हुए नौकरी से निकाल दिया और उसे बर्खास्त कर दिया। वह अर्जेंट टेम्प्रेरी बेसिस (यूटीबी) पर पिछले छह माह से एनाटॉमी विभाग में सीनियर डेमोंस्ट्रेटर के पद पर काम कर रहा था।


असल में डा. सौरभ शर्मा ने मेडिकल कालेज में 7 मई को एनाटॉमी विभाग में सीनियर डेमोस्ट्रेटर के पद पर ज्वाइन किया था। कोरोना काल में कालेज प्रिंसीपल डा. रजत श्रीवास्तव ने डा. सौरभ शर्मा तथा वाहन चालक जसमत को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया एंड रिसर्च सेंटर से राजकीय मेडिकल कालेज भरतपुर स्थित कोविड-19 लैब के लिए पीसीआर आरएनए एक्सटेक्शन किट लाने के लिए 7 अगस्त को डाक्टर के निजी वाहन से जाने के आदेश 6 अगस्त को दिए। उक्त व्यक्तियों को यात्रा भत्ता नियमानुसार देय लिखा जिन्हें अनुमति पत्र भी मय फोटो के साथ कोविड लैब संबंधित कार्यों की वजह से टोल मुक्ति के लिए दिया।

अपने ही आदेश पर पलटे

जब सौरभ यात्रा भत्ता के भुगतान के लिए प्रिंसीपल के पास पहुंचे तो उन्होंने कागज फाड़कर फेंक दिए और अभद्र व्यवहार करते हुए लौटा दिया। इतना ही नहीं राजकार्य में लापरवाही के संबंध में चेतावनी का 29 अगस्त को नोटिस दे दिया, जिसमें 7 अगस्त को स्वयं के चौपहिया वाहन से मेडिकल कालेज के वाहन चालक के साथ उक्त कार्य के लिए बिना किसी पूर्व अनुमति के अपने साथ ले जाने को राजकीय नियमों के विरुद्ध बताया।


साथ ही राज्य नियमों का उल्लंघन का दोषी बताया और चेतावनी दी कि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न करें, अन्यथा सेवा पृथकीकरण की कार्रवाई की जाएगी। सौरभ ने बताया कि 4 नवंबर को उन्हें राज्य कार्य में लापरवाही का दोषी मानते हुए 6 नवंबर से बर्खास्त के आदेश दे दिए। जब इस संबंध में गर्वमेंट मेडिकल कालेज भरतपुर के प्रिंसीपल डा. रजत श्रीवास्तव से भास्कर ने वर्जन जानने के लिए संपर्क करना चाहता तो कॉल अटेंड ही नहीं किया।

डाक्टर व नर्सिंग कर्मियों से साप्ताहिक अवकाश पर विवाद, खुद कोरोना काल में पांच दिन छोड़ेंगे मुख्यालय

आरबीएम व जनाना अस्पताल के डाक्टर व नर्सिंग कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं देने पर विवाद खड़ा हो गया। वहीं खुद प्रिंसीपल डा. रजत श्रीवास्तव ने 12 नवंबर को दोपहर बाद बाहर जाने और 13 से 16 तक राजपत्रित अवकाश के दिनों में मुख्यालय से बाहर रहने सहित 17 नवंबर को एक दिन के आकस्मिक अवकाश पर जाने को लेकर निदेशक को लिखा है। इस प्रकार प्रिंसीपल 5 दिन मुख्यालय से बाहर रहेंगे, जबकि उनके निर्देशन में कोरोना से निपटने के लिए मेडिकल कालेज में कोविड-19 जांच की लैब काम कर रही है।

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